
*📚 सतगुरु महिमा (संत गरीबदास जी की वाणी)*
सतगुरु भौ सागरके कोली, सतगुरु पार निबाहैं डोली।।(17)
सतगुरु मादर पिदर हमारे, भौ सागर के तारन हारे।(18)
*➡️ सरलार्थ :- सतगुरु संसार सागर से पार करने वाले खेवटिये है। सतगुरु ही हमारी जीवन रूपी गाङी को निर्बाध सांसारिक व कर्म के संकटों से बचाकर भक्ति कराकर मोक्ष प्राप्ति कराते हैं। सतगुरु हमारे माता तथा पिता हैं। सतगुरु संसार सागर से पार करने वाले हैं।(17-18)*

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